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अब इंटरनेट पर मंडरा रहा 'रीपर' का खतरा, लाखों कैमरे और राउटर हुए खराब - सौरभ कुमार श्रीवास्तव

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WannaCry, BadRabbit के बाद दुनिया के ऊपर नये तरह के रैनसमयवेयर का खतरा मंडरा रहा है। खासतौर पर इंटरनेट पर इस वायरस का ज्यादा असर होता दिख रहा है। सायबर एक्सपर्ट की मानें तो 'रीपर' की वजह से पूरी दुनिया के इंटरनेट के ठप होने की आशंका बन रही है।
कम से कम इजरायल की सायबर सिक्योरिटी फर्म चेक प्वाइंट तो इसी तरफ इशारा कर रही है। अबतक दस लाख से ज्यादा इंटरनेट से जुड़े ऑनलाइन वीडियो मॉनिटरिंग कैमरा और राउटर 'रीपर' की वजह से प्रभावित हो चुके हैं और ये आंकड़ा धीरे-धीरे बढ़ रहा है।
इस सायबर सिक्योरिटी फर्म ने हफ्ते भर पहले ही आगाह किया था कि अब दुनिया पर नया सायबर हमला होने वाला है और ये पिछले सभी रैनसमवेयर वायरस से ज्यादा खतरनाक होगा।
इंटरनेट पर 'रीपर' का खतरा-
"बोटनेट्स" में हजारों और यहां तक कि लाखों कंप्यूटरों के विशाल नेटवर्क शामिल हैं, जो मैलवेयर से संक्रमित हैं। इस तरह हैक हुए कम्प्यूटर को बिना यूजर की जानकारी के गलत कामों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे किसी बेवसाइट को डाउन करना, सरकारी डेटाबेस में सेंध लगाना और फिर इसे हटाने के लिए रैनसमवेयर की डिमांड करना।
इसके असर की वजह से कई घंटे तक यूजर्स न्यूयॉर्क टाइम्स वेबसाइट, टि्वटर, नेटफ्लिक्स को वेब के जरिए एक्सेस नहीं कर सके। 'रीपर' के निशाने पर इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर सेवा देने वाली कंपनियां हैं। क्योंकि इसकी मदद से ऑनलाइन कैमरा को हैक किया जाता और फिर सिस्टम पर वायरस अटैक करता है।
हैकिंग कर फिरौती मांग रहा रीपर-
विशेषज्ञ इसे पिछले साल हुए इस तरह के सायबर अटैक से भी बड़ा मान रहे हैं। हैक किए गए डिवाइस के जरिए ही 'बोटनेट' दूसरे डिवाइस तक पहुंचता है और फिर उसे भी हैक कर लिया जाता है। क्योंकि इस तरह के कैमरा या दूसरे डिवाइस को हैकिंग से बचाने के लिए कारगर उपाय नहीं अपनाए जाते हैं, इसलिये ये आसान निशाना बन रहे हैं।
इस बार का ये हैकिंग वायरस पिछली बार से ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि जहां पिछली बार ये कमजोर पासवर्ड के जरिये किसी सिस्टम में घुसता था, वहीं नया बोटनेट में किसी भी सिस्टम को हैक करने की ऑटोमेटेड तकनीक है, जो तेजी से एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम तक पहुंचकर उसे हैक कर लेती है और यूजर को कानों-कान इसकी खबर ही नहीं मिलती है।
सायबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट और रिसचर्र की मानें तो 'बोटनेट' अभी शुरुआती चरण में है,मगर धीरे-धीरे पूरी दुनिया में इसका असर बढ़ रहा है। ऐसे में अगर वक्त रहते इसे रोकने का कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया तो कुछ घंटों में ही पूरी दुनिया का इंटरनेट ठप हो सकता है।
पीडब्ल्यूसी द्वारा करे गए सर्वे भी इंटरनेट पर हो रहे इस तरह के हमले को दुनिया के लिए बड़ा खतरा मान रहा है। इस सर्वे में 55 फीसद लोगों ने माना कि आज दुनिया के सामने इंटरनेट सुरक्षा सबसे बड़ा खतरा है। इसके लिए सुरक्षा उपाय तो किए जा रहे हैं। मगर खतरा बना हुआ है।
एफबीआई ने भी इजरायली सिक्योरिटी फर्म की रिपोर्ट सामने आने के 6 दिन पहले ही इस खतरे से आगाह किया था और सभी इंटरनेट यूजर्स और कॉरपोरेट कंपनियों को इंटरनेट के साथ ही उससे जुड़े डिवाइस को सुरक्षित बनाने के लिए कारगर कदम उठाने को कहा था। ताकि हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर सिस्टम में किसी तरह के सायबर हमले का खतरा न बने।

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