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सड़क किनारे मिलने वाले सस्ते इयरफोन से करें तौबा, वर्ना हो जाएंगे बहरे - सौरभ कुमार श्रीवास्तव

सड़क किनारे मिलने वाले सस्ते इयरफोन से करें तौबा, वर्ना हो जाएंगे बहरे - सौरभ कुमार श्रीवास्तव

हम में से अधिकांश लोग महंगे इयरफोन नहीं खरीदते हैं। ज्यादातर लोग सड़क के किनारों पर लगी दुकानों से सस्ते हेडफोन या इयरफोन खरीद लेते हैं। आखिर कोई क्यों ब्रांडेड इयरफोन पर 400-500 या इससे ज्यादा रुपए खर्च करना चाहेगा, जबकि सड़क किनारे से यह 50 या 100 रुपए में मिल रहा है।
उनकी साउंड क्वालिटी भी इतनी खराब नहीं है। मगर, यदि आप चाहते हैं कि आप बहरेपन का शिकार नहीं हों और लंबे समय तक आपके सुनने की क्षमता अच्छी बनी रहे, तो आपको महंगे इयरफोन पर निवेश करना चाहिए। आज हम आपको बताएंगे कि सस्ते इयरफोन से आपको क्या परेशानी हो सकती हैं...
Distortion
स्ट्रीट साइड इयरफोन में आमतौर पर बहुत अधिक डिस्टॉर्शन होता है। यानी सीधी भाषा में कहें, तो आप जो आवाज सुनना चाहते हैं, वह साफ नहीं सुनाई देती है। इसके लिए आप गाने का वॉल्यूम तेज कर देते हैं, ताकि आपको आवाज साफ सुनाई दे। मगर, तेज आवाज से आपके कान के पर्दे स्थायी रूप से खराब हो सकते हैं और इसका नतीजा आपके सुनने की क्षमता पर पड़ता है। आवाज सुनने की अधिकतम सीमा 85 डेसिबल है। लिहाजा, जब आप इससे तेज आवाज में लंबे समय तक गाना सुनते हैं, तो आपके सुनने की क्षमता खराब हो जाती है।
Unequal Amplification
सस्ते इयरफोन गाने की पिच और वॉल्यूम को समान रूप से नहीं बढ़ाते हैं। यानी गाने की पिच और वॉल्यूम अचानक से बढ़ सकती है, जिससे आपके सुनने की क्षमता पर असर पड़ सकता है। एमपी3 प्लेयर के साथ सड़क के किनारे मिलने वाले औसत दर्जे के इयरफोन की आवाज 115 डेसिबल तक जा सकती है। रोजाना 15 मिनट तक इतनी तेज आवाज में गाने सुनने से कान में स्थाई रूप से क्षति हो सकती है।
Bad Fit
सस्ते इयरफोन बनाने वाले इसके उत्पादन में अधिक समय और मेहनत नहीं करते हैं। इनकी फिटिंग भी खराब होती है। लिहाजा आवाज को साफ सुनने के लिए आपको आवाज तेज करने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जो लंबे समय में आपके सुनने की क्षमता को बुरी तरह से प्रभावित करती है। ऐसे में उम्मीद है कि बेहतरीन आवाज सुनने के लिए आपको अच्छे इयरफोन खरीदने चाहिए।

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