Google celebrated Fridtjof Birthday: जानिए क्यों मशहूर थे फ्रित्जॉफ नानसेन - सौरभ कुमार श्रीवास्तव
आज जब आपने गूगल पर जैसे ही इसका सर्च पेज खोला होगा, वैसे ही आपको नया गूगल डूडल नजर आया होगा। गूगल डूडल 10 अक्टूबर को फ्रित्जॉफ नानसेन का 156वां जन्मदिन मना रहा है।
गूगल ने इस डूडल में फ्रित्जॉफ को आइस स्कीइंग करते हुए दिखाया है। साथ ही डूडल में किनारे नानसेन पासपोर्ट भी देखा जा सकता है, जिसके लिए फ्रित्जॉफ को नोबल पुरस्कार दिया गया है। लेकिन, क्या आप जानते हैं फ्रित्जॉफ नानसेन कौन थे?
नानसेन मशहूर खोजकर्ता, समुद्री वैज्ञानिक, राजनेता और मानवतावादी थे। नानसेन का जन्म 10 अक्टूबर 1861 को नॉर्वे के ओस्लो शहर में हुआ था। बचपन से ही वो रोमांच की तलाश में रहते थे। उन्होंने स्कीइंग करना शुरू किया। वो लगभग पचासों मील तक स्कीइंग करते थे। इस दौरान उनके पास ज्यादा सप्लाई भी नहीं होती थी।
उन्होंने रॉयल फ्रेडरिक यूनिवर्सिटी से जूलॉजी का अध्ययन किया। वो इस फील्ड में भी टॉप पर थे लेकिन बाहरी दुनिया के प्यार ने उन्हें फिर वापस अपनी ओर खींच लिया। फ्रित्जॉफ एक्सप्लोरिंग की दुनिया के लीजेंड थे। वो ग्रीनलैंड के बर्फीले इलाकों तक पहुंचे, जहां उसके पहले कोई नहीं पहुंच सका था।
1914 में शुरू हुए पहले विश्वयुद्ध ने फ्रित्जहॉफ के पांव रोक दिए, लेकिन इस वक्त ही उनके अंदर का मानवतावादी बाहर निकलकर आया। 1920 के दौरान उन्होंने इस वक्त हजारों कैदियों और शरणार्थियों को मुक्त कराने की दिशा में काम किया।
उन्होंने शरणार्थियों के लिए ट्रैवल डॉक्यूमेंट नानसेन पासपोर्ट बनाया। इस पासपोर्ट को दुनियाभर की 52 सरकारों ने अपनी मंजूरी दी और विस्थापित लोगों को दुबारा बसाने की प्रक्रिया शुरू हुई। नानसेन को बेघरों और बेआवाजों को दोबारा बसाने के लिए 1922 में नोबल प्राइज दिया गया।
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