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आपके स्मार्टफोन में हैं ये खतरनाक वायरस ऐप्स तो तुरंत करें डिलीट - सौरभ कुमार श्रीवास्तव

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मोबाइल सिक्युरिटी फर्म Appthority ने इंटरप्राइस मोबाइल सिक्युरिटी प्लस रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में बताई गई लिस्ट में 10 ईपीएस के बारे में बताया गया है। ये वो एप्स हैं जो दुनियाभर में ब्लैकलिस्टेड है। असल में ये एप्स नहीं वायरस है। इन एप्स से डाटा लीक, डाटा स्टोरेज और सिक्योरिटी पॉलिसीका पालन ना करने की बात सामने आई है।
गूगल ने हटाए थे ये 20 एप्स - 
रैन्समवेयर वायरस अटैक के बाद गूगल ने भी इन एप्स को प्ले स्टोर से हटा दिया था। इसी के साथ एंड्रॉयड यूजर्स को भी यह सलाह दी गई थी की अगर उनके फोन्स में वो एप्स मौजूद है तो उन्हें डिलीट कर दें।
गूगल ने कहा था की इन एप्स के जरिए स्मार्टफोन में वायरस अटैक भी हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन एप्स में कुछ लूपहोल्स थे। इनकी मदद से हैकर्स यूजर्स के स्मार्टफोन तक पहुंच उसे हैक कर सकते थे।
इसी के साथ गूगल की सिक्युरिटी कंपनी ने Dubbed Judy नाम की एप्स में मालवेयर ढूंढा था। प्ले स्टोर से हटाई गई ये एप्स पॉपुलर थी। इनमें में से कई एप्स ऐसी भी थी जिन्हें 5 मिलियन तक डाउनलोड किया जा चुका था।
ये थी वो एप्स - 
एंड्रॉयड सिस्टम थीम: इस एप में मालवेयर डिटेक्ट हुआ था।

बॉयफ्रेंड ट्रैकर: इसमें फोन के IMEI नंबर और डाटा को हैकर्स को सेंड करने वाला वायरस पाया गया था।
चिकन पजल: इसमें लोकेशन ट्रैक करने वाला वायरस मिला था।
डिवाइस अलाइव: इस एप में भी वायरस डिटेक्ट हुआ था।
Ggz वर्जन: इसमें मालवेयर डिटेक्ट किया गया था।
पूट डिबग: इसमें मालवेयर डिटेक्ट हुआ था।
स्टार वॉर: इसमें मालवेयर डिटेक्ट हुआ था।
वाइल्ड क्रोकोडाइल सिम्युलेटर: इसमें मालवेयर डिटेक्ट हुआ था।
वेयर इज माय ड्रोइड प्रो: इसमें मालवेयर डिटेक्ट हुआ था।
वेदर: इसमें मालवेयर डिटेक्ट किया गया था।

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