नहीं जानते होंगे मुगल बादशाह अकबर का ये शिवमंदिर कनेक्शन - सौरभ कुमार श्रीवास्तव
भारत का दिल कहलाए जाने वाला मध्यप्रदेश भारत के उन चुनिंदा राज्यों में शुमार है जहां प्रकृति जमकर मेहरबान है। प्राकृतिक सुंदरता वाला मध्यप्रदेश पर्यटन के लिए न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी मशहूर है। बल्कि अपने भीतर कई अनसुने इतिहास भी छिपाकर रखा है।
आज हम आपको मुगल बादशाह अकबर का भगवान शिव कनेक्शन बताने जा रहे हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं, मध्यप्रदेश के मांडू के नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर की। इंदौर से लगभग 95 किमी दूर मिनी कश्मीर सी वादियों की खूबसूरती रखने वाला मांडव अपने गौरवशाली इतिहास, सुंदर महलों और रानी रूपमती-बादशाह बाज बहादुर की प्रेम कहानी के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन यहां विंध्याचल पर्वत श्रेणी पर एक किले में स्थित नीलकंठ महादेव का मंदिर बरबस ही इतिहासकारों और श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है।
अपनी एक यात्रा के दौरान मांडव में रूके अकबर मंदिर में ही ठहरे थे। और इसे अपने जीवन का सबसे अद्भुत और मानसिक शांति वाला वक्त बताया था, जिसका उल्लेख शिलालेखों पर ही मिलता है। हालांकि अकबर के बाद हुए मुगल शासक औरंगजेब ने इस मंदिर जाने का रास्ता बंद करवा दिया था। बाद में पेशवा शासकों ने 1732 में इसे फिर से खोला।
अंदर तलघर में स्थापित शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही मन शांत हो जाता है। मांडव घूमने आने वाला हर पर्यटक नीलकंठेश्वर महादेव के दर्शन जरूर करता है।
No comments