गूगल पर कीजिए दांडी मार्च का अनुभव, किया डिजिटल - सौरभ कुमार श्रीवास्तव
गूगल पर कीजिए दांडी मार्च का अनुभव, किया डिजिटल
देश के 71वें स्वतंत्रता दिवस पर गूगल ने देशवासियों खासकर इंटरनेट उपभोक्ताओं को खास तोहफा दिया है। अब आप गूगल के जरिये महात्मा गांधी की ऐतिहासिक दांडी यात्रा की अनुभूति कर सकते हैं।
गूगल ने दांडी मार्च की कहानियों को खासकर उन लोगों के लिए डिजिटल किया है, जो ऐतिहासिक आयोजनों के बारे में जानने के लिए अब तक किताबों के सहारे हैं।
गूगल ने दांडी मार्च की कहानी को अपने अर्थ वॉयेजर पर शामिल किया है। गूगल का दावा है कि इनमें से कई कहानियां कभी जारी ही नहीं की गईं। अंग्रेजों ने नमक पर कर लगा दिया था।
इसके विरोध में 12 मार्च, 1930 को 24 दिन की यात्रा शुरू हुई थी। महात्मा गांधी के साथ 78 लोगों ने करीब 400 किलोमीटर वाले इस मार्च की शुरुआत की थी। रास्ते में भी बहुत से लोग उनके साथ शामिल होते गए।
इस यात्रा ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को बड़ी गति प्रदान की थी। गूगल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लोग अब आजादी के आंदोलन में उस लंबी यात्रा की भावनाओं की अनुभूति कर सकते हैं।
वॉयेजर की कहानी आपको भारत की आजादी के लिए महात्मा गांधी के अभियान में साबरमती से दांडी तक उनके नमक मार्च के कदमों पर फिर से चलाएगी। गूगल पर इस कहानी को महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने अपने शब्दों में कहा है।
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